जादू है माँ..
वो उंगुलियां छूँ जाय माथे को
जो हर नब्ज़ जानती हैं
एक तू ही तो है माँ
जो जादू जानती है
जो हर नब्ज़ जानती हैं
एक तू ही तो है माँ
जो जादू जानती है
किताबों में वो ज्ञान कहाँ
जो तेरे अहसासों में है
एक तू ही तो है माँ
जो सब जानती है
जगती है सिहराने रातों में
सुबह मंदिर साजते दिखती है
एक तू ही तो है माँ
जो मेरे लिए सोना भूल जाती है
तेरे हाथों में दवा है माँ
तेरे हाथों में दुआ है माँ
एक तू ही है जिसके हाथों में
जादू है माँ.....
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