मेरा होकर
धरती खुशबू साथ लपेटे
सज आता है मेरे लिए
लोक लाज की देहरी लांघें
चल पड़ता है साथ मेरे
खुद उम्मीदें घर में रखकर
फिरता संग है राह मेरे
सज आता है मेरे लिए
लोक लाज की देहरी लांघें
चल पड़ता है साथ मेरे
खुद उम्मीदें घर में रखकर
फिरता संग है राह मेरे
सुहागिन का सिन्दूर चढ़ाये
करता समर्पण मेरे लिए
सपने जहाँ कठिन से लगते
कदम बढ़ता साथ मेरे
खुद की खुशियां छोड़ के आता
दुनिया रचता साथ मेरे
अहसासों की नाव खेवता
मुझे तैराता मेरे लिए
दुःख का मेरे साथी बनता
सुख की सारी प्रीत लिए
मेरा होकर मुझमे खोता
खुद की न परवाह किये
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