संगम

मैं संगम पर तुझसे मिलकर
तुझमें समाना चाहता हूँ
खोकर सब अंहकार मैं अपने
तुझको, गंगा बनाना चाहता हूँ

तु जीवन दायनी सपन सजोये
अंजुरी जल भर तर्पण कर दे
मोक्ष मिले सब तुझमें समाकर
तुझको मणिकर्णिका बनाना चाहता हूँ

मैं समर्पण पर जीवन देकर 
सब साथ निभाना चाहता हूँ
तुझमें रहकर तेरा होकर 
तुझको अपना ईष्ट बनाना चाहता हूँ

तु सोख हिमालय सा अब चमके
पाषाण अन्दर साथ निभाऊँ
पहचान मिले सब साथ तुम्हारे
तुझको माँ सा चाहना चाहता हूँ

मै हूँ  तेरा तुझे समर्पित
तुझको गंगा बनाना चाहता हूँ

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