मरूँ अगर

मैं मरूँ जलूँ फिर घाट कुण्ड पर
यादें बचपन संग लिए
साथ समर्पण रीत प्रीत सब
अस्थि अवतरित कलश लिए

मैं घुलूँ मिलूँ उस खाक राख सब 
शब्द सबद सुर तान लिए सब
मंच अमंच स्वर कविता कोकिल
सांस समर्पित तन मन सब

मैं बदहवाश बेहोश गिरू उस
जगह जमीन खलिहान तले
माँ रेमन ममता गोदी सो लूँ
छोड सकल संसार सब-ए-सब

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