हम पहाडी
नदी हिमालय जंगल झरने
बाँझ बुरासों के 'अग्वाल' लगेंगे
हम पहाड़ी, पहाड़ो के सब दर्द लिखेंगे
खोदोगे पहाड़ कहीं
या जंगल काटोगे
हम पहाडी पहाड़ो के हर अधिकार माँगेंगे
टूटी फूटी सड़क कहीं
खिसकते पहाड़ बोलेंगे
हम पहाडी पहाड़ो की हर बात लिखेंगे
रोजगार विकास को टोहे
हर पलायन का दर्द कहेंगे
हम पहाडी पहाड़ो के हर हाल लिखेंगे
रोक नदी पर बाँध बनाये
उस बिजली का दाम मांगेंगे
हम पहाडी पहाड़ो के हर सवाल पूछेंगे
प्रसव पीड़ा में मरती नारी
बंद स्कूलों के ताले खोलेंगे
हम पहाडी पहाड़ो के हर घोटाले खोलेंगे
देवस्थानों पर तानाशाही
शासन के राजशाहों को धिक्कारेंगे
हम पहाडी पहाड़ो के हर अधिकार मांगेंगे
देख, पहाड़ी जनता जागी
अब दरबारों से जबाब मांगेंगे
हम पहाडी पहाड़ो के हर अधिकार मांगेंगे
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