तु है ही
तु कविता और गीतों में
तु मन मन्दिर के दीपों में
शाम सुहानी तुझसे है
शहर उजाला तुझसे है
यादों में बसता अपनापन
तु दीवाली की ख़ुशियों मे है
तु मुक्तक का अन्तिम शब्द
तु सार मेरी कविता का है
छन्दों का सुरमय तालमेल
तु अकेलेपन का साहस है
साथ चलती तेरी यादें
तु सब अपनी सासों मे है
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