उपहारों की रात

 उपहारों की रात है 

मन में बसा तारा कोई 

कोई तेरे मन बसा है 

है किसी मन तु बसा 


बाँट ले अपनों से सब रंग 

मन चढ़ा है रंग कोई 

कोई खुशियों में है शामिल 

शामिल रहे तु हर रात में


दे दुवाएँ  स्नेह भी सब 

मन में रहे प्रणयी कोई 

कोई तेरे साथ शामिल 

शामिल रहे तु हर बात में 


साथ देना सबका सब तु 

छोड़ देना ये कसम कोई 

कोई हो हर संग मै शामिल 

शामिल रहे तु इस साँस में 

Comments

Popular posts from this blog

कहाँ अपना मेल प्रिये

दगडू नी रेन्दु सदानी

कल्पना की वास्तविकता