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Showing posts from September 8, 2019

बस यहीं अरमान

इच्छाओं के आसमान पर मुकम्मल एक चाँद है,  साधकर अर्जुन खडा  मन लिए अभिताप है,  जीतना हर कोशिश पर  नही केवल एक मार्ग है , साथ रहे अहसास तेरा  मन में बस यहीं अरमान है । संघर्षों की धुरी पर  घुमता एक प्रयास है , पालकर विश्वास अपना मन लिए करतार है। मक़सद नही हर लक्ष्य का, संतोष ही संस्कार है । याद रहे सम्मान तेरा,  मन का बस यहीं अरमान है।

रिश्ते

कुछ जुड़ से जाते हैं कुछ छूट भी जाते हैं  रिश्ते मनो के हों  तो अक्सर कसक दे जाते हैं  कुछ जोड़ जाते हैं  कुछ तोड़ जाते हैं  रिश्ते सम्मान के हों तो एक कुनवा बना जाते हैं कुछ पास रहते हैं कुछ दूर हो जाते हैं  रिश्ते जब त्याग के हों  तो एक छाप छोड़ जाते हैं  कुछ दूसरों से जोड़ जाते हैं  कुछ अपनों मे गुम हो जाते हैं रिश्ते जब सच्चाई के हों तों रह-रहकर याद आतें है  

सर्वस्व हारना

अहसासों की ज़मीं पर  नाराज़गी पलती नही   जब जीतना मनों को हो  सर्वस्व हार जाना ही अच्छा   जो हार गये अपनो से  वो सब अमर हो चले  वो राधा थी वोही कान्हा  फ़ना होकर अमर होना अच्छा  इच्छाओं के आसमान पर  सम्मान की बेल लटकती नही  बढ़ना  हो जो उँचा कुछ भी  धरती से जुड़कर उठना अच्छा