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Showing posts from March 13, 2022

मेरे जीवन सार में

 कभी ये बातें कभी ख़ामोशी  कभी ये गुस्सा कभी वो अपना जैसे तैसे प्यार सीखा गया  मुझको जीवन सार में  रात रात भर तुमको लिखा  सुबह हुआ गुमनाम मैं  कभी समर्पण कभी सादगी  कही पकड़ना कभी छुपाना  जैसे तैसे साथ आ  गया  मेरे जीवन सार में  रात रात भर तुमको लिखा  सुबह हुआ गुमनाम मैं कभी वो नदिया कहीं समुन्दर  कभी प्यास और कभी ये तड़फन  कही वो खुशबू पास बह गयी  मेरे जीवन सार में  रात रात भर तुमको लिखा  सुबह हुआ गुमनाम मैं कभी मनाना कभी रूठना  कभी शिकायत कभी ये शिकवा   कभी पराया कभी वो अपना  आज संदूरी मांग में  रात रात भर तुमको लिखा  सुबह हुआ गुमनाम मैं रोती शाम अधूरी रातें  कभी मनन की मौन ख़ामोशी  सदा मनों की दीवारों को  सजा दिया स्नेह में  रात रात भर तुमको लिखा  सुबह हुआ गुमनाम मैं