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Showing posts from November 19, 2023

छाप

जब मन उड जाये कह जाये चल भीग भी लूँ तु बूँदें बनकर रिमझिम बरखा  या इन्द्रधनुष सा हो जाना आसमां भी दूर रहे  और धरती अम्बर मिल जायें मैं मिट्टी की सौंधी खुशबू  घुलमिल तुझमें खो जाऊ धूल भरी आँधी थम जाये  तरवर मुझको कर जाना लाख लपेटू लेप मै तन पर  तु अपनी छाप लगा जाना