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Showing posts from April 21, 2024

शून्य ही

कुछ सुनहरे अहसासों पर  कुछ अधूरे रास्तों पर  कुछ दाग- बेदाग लिए कुछ लांछन-भरोसा लिए हर सफर खत्म होता है कुछ अधूरी सी मंजिलों पर अपनों की प्रार्थमिकता पर कुछ नींद की पहरेदारी पर कुछ किताबों के आखरों पर हर सफर खत्म होता है कुछ आखिरी सांसों पर  कुछ पर्यायों और कतारों पर  कुछ अधजगी सी रातों पर  कुछ डगमगाते विश्वासों पर हर सफर खत्म होता है।

सफर खत्म होता है

कुछ सुनहरे अहसासों पर  कुछ अधूरे रास्तों पर  कुछ दाग- बेदाग लिए कुछ लांछन-भरोसा लिए हर सफर खत्म होता है कुछ अधूरी सी मंजिलों पर अपनों की प्रार्थमिकता पर कुछ नींद की पहरेदारी पर कुछ किताबों के आखरों पर हर सफर खत्म होता है कुछ आखिरी सांसों पर  कुछ पर्यायों और कतारों पर  कुछ अधजगी सी रातों पर  कुछ डगमगाते विश्वासों पर हर सफर खत्म होता है।