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Showing posts from October 10, 2021

होगा ये कैसे

 वो हाथों के छाले  जिम्मेदारियों के पहलू  थकी सी आखों में  प्रीत दबाये वो सांसें  त्याग परिश्रम सब  समझा है हमने ये सम्मान घट जाये  तो होगा ये कैसे ?  वो बातों में ठहराव  त्याग परस्पर जीवन भर  कठिन रही उन राहों में  साथ देती वो बाहें संकल्प सिद्धि कोमलता सब  अहसास किया हमने  ये स्नेह घट जाये  तो होगा ये कैसे ? जीवन की एक जरूरत  जो रुक न पाए लम्बा  दूर चमकते चंदा  सागर मिलती नदियां  शांत सरोवर जीवन  संग में पाया हमने  ये जीवन  बिन तेरे  तो होगा ये कैसे ?

छोटी मुलाकातें

 कभी छोटी मुलाकातें  बड़ी सी छाप रखती हैं  वही जीवन की दो बातें  बड़ी सी सीख रखती हैं  वोही खुशबू जिसे बरसो  किया महसूस सांसों ने  उसी खुशुबू में भीगा हूँ  बिना बरसात बादल के  वोही अंगुली जिसे हरपल  छुवा है सिर्फ अहसासों ने  उसी उंगुली को थामा है  खुली सी इस हथेली पर  वो जिन आँखों में देखा है  अधूरा ख्वाब अपना भी  उन्ही पलकों में देखा है  एक मोती जो अपना भी  वो जो बातें अनकही सी थी  कह देता हूँ अब खुलकर  ये तेरा हौसला ही है  जो अपनी दुनियां बसाता हूँ 

रूहें जताती रही

 अनकही सी अधूरी कहानी मेरी  तुमने दुनियां के वृतों को पूरा किया  साथ जो पल गुजारे हैं उस छाँव में  मायनों की नयीं नीव रख सा गया  रतजगी सी वो आँखें बुलाती रही  तुमने अधरों को ढककर भी सब कह दिया  बात जो कर गए उस नयी राह में  अहसासों की जमीं पैर रख सा दिया  कपकपीं सी वो रूहें जताती रही  तुमने रंगों से जीवन को भर सा दिया  हाथ जो दब गया है हथेली तले खुशबुओं को नया एक जहाँ मिल गया 

आसमां मेरा

गोदी में ना सो पाया बाहों में ना भर पाया आसमां सा फैला था विस्तार वो सागर सा है खुशबु से कब तर पाया बातों को कब कह पाया  शान्ती सा व्यापक है जो गुमनाम मनन वो मन का है सांसो का उठना गिरना होठों का कुछ कह जाना चुप रहने को कहता है जो खामोश मनों का चेहरा है

फ़र्ज़ है

 तू हाथ थामे रखना आधा  साथ निभाना मेरा फ़र्ज़ है  बिंदियां कंगन रिश्ते तेरे  रूह बसाना मेरा फ़र्ज़ है  तू बातें करते रहना थोड़ा  मकां तक ले जाना मेरा फ़र्ज़ है  जिम्मा भार प्रभार निभाना  रुक कर रहना मेरा फ़र्ज़ है  तू स्नेह गुस्सा थोड़ा रखना  राहें बिछ जाना मेरा फ़र्ज़ है  कर्त्तव्य पथ पर चलते रहना  सपने सजाना मेरा फ़र्ज़ है  तू युहीं रहना आस पास  तुझे समाना मेरा फ़र्ज़ है  आधा रखना अपनापन तू  सम्पूर्णता मेरा फ़र्ज़ है