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Showing posts from May 28, 2023

समा जाओ

तु भक्ति दे तु शक्ति दे तु शान्ति का संगीत दे  तु साथ दे स्नेह दे  करुणामयी एक गीत दे तु रात का जुगनू बने तपती दुपहरी छाँव दे सुनसान राहों साथ दे तु मौन का स्नेह दे  तु हाथ अंगुली पकड दे तु छोड सारा शहर दे  मुझमें समा मेरा रहे तु स्वरों को शब्द दे तु अक्षर मेरी प्रीत का तु सांस आखिरी मीत का अभिचेतन मन की आरजू तु स्वरूप देता जीवन दे तु रात का गहरा नशा दिन का समर्पित साथ दे खोया रहे मुझमे सदा तु अब साथ में समा मेरे 

गंगा प्रेम की

मैं पतित प्रेम की गंगा को मन में बहाता जाऊँगा हिमशिखरों के आगे जाकर दुनियां नई बसाऊँगा टकराती आवाज गूँजती घाटी बाँध के आवूँगा आलिंगन से आगे बढकर जीवन नाम तेरे कर जाऊँगा मैं सडकों के मोडों पर  तेरे नाम की पौध लगाऊँगा मीलों के पत्थर पर लिखकर मंजिल तुझे बनाऊँगा खुशियों तेरा नाम बाँटकर हर मंदिर प्रसाद चढाऊँगा परिक्रमा के मार्गों पर  तेरी धूली अंग लगाऊँगा