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Showing posts from February 13, 2022

रिश्ते

 जन्मों के कुछ रिश्ते होते  कुछ मनों में पलते बढ़ते हैं  कुछ रहते हैं एक मकां में  कुछ चाँद चकोर से होते हैं  नामों के कुछ रिश्ते होते  कुछ गुमनाम से रहते हैं  कुछ फेरों में बंधते हैं  कुछ त्याग समर्पण लिखते हैं  ढ़ोने को  कुछ रिश्ते होते  कुछ साथ सहारा देते हैं  कुछ सूत्रों से बंधे हुए हैं  कुछ भाव प्रेम के होते हैं  पाने को  कुछ रिश्ते होते  कुछ खोकर अपने होते हैं  कुछ के साथ सदा चलते हैं  कुछ अजर अमर रह जाते हैं 

अमूल्य

 जो जग है अमूल्य मुझे  मैं खुद में खोने को सोचा था  दो बातों का मोल बढ़ा  वो कीमत मेरी बढ़ा गया  जिसके लिए थमा थोड़ा सा  अवसर खुशियां सहमा सा था  समय निकाल कर चोरी से  वो अहमियत मेरी बढ़ा गया  जो जीवन दे गया मुझे सभी  मैं यादों में जीने  वाला था  घेरकर मुझको बाँहों में  वो सांसे मेरी बढ़ा गया  जिसके लिए जीता थोड़ा सा  अक्सर सहमा रहता हूँ  मुझको सारा हक़ देकर  वो अमूल्य बनाता है मुझको 

जरूरी था

 मनों के हैं ये  रिश्ते जो  क्यों पश्चाताप हो हमको  प्रेरणा तुम सबल मन की  तुझमें  क्यों न सामऊ मैं  मनों की हैं ये बुनियादें  क्यों परेशां हों हम भी  मिला है उस मकां पर तु  जहाँ सब खो चुका था मैं  मनों की ये जो ताकत है  क्यों डरता है रे-मन तु  वो तुझको याद रखता है  जहां में अपने खोये भी  मनों के ये उजाले हैं  क्यों डरता अँधेरे से  तु  मेरा है मैं तेरा हूँ  जरूरी था मिलन अपना 

वो देता है जहां मुझको

मेरी ही तस्वीर मुझे भेजकर मेरा अक्स मांगता है जब लगता  दूर जायेगा वो बाहों में सुला देता है मुझसे नाराज गर हो कभी मुझे ही मनाता है जब लगता है भूल जायेगा वो पास बैठ जाता है  मेरी दुनिया बसी उसमें मेरी जिदगी संवरती है जब लगता है अब रोना है वो गले लगा लेता है विश्वासों की फसल उससे मेरी पहचान है उससे जब लगता अब खोना है वो देता है जहां मुझको।