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Showing posts from April 2, 2023

तेरे आने पर

दुनिया थम सी गयी थी एक असर तेरा था हंसे हैं कुछ चेहरे  एक तेरे मिलने से ये असर तेरा था दुनिया खत्म सी थी मेरी एक तेरे जाने के बाद वो बीज प्रस्फुटित हुआ करवट बदलने से ये असर तेरा था बातें बदल गयी जिन्दगी मेरी एक तेरी बातों के बाद  अंकुरित स्नेह हुआ चेहरे की चाँदनी से ये असर तेरा था साथ भरा स्नेह है सांसे मेरी तेरी सांसों से मिलने के बाद जीवन ने रंग भरा रंगो की बहार से ये असर तेरा है 

शाम से रात

जगा हूँ जिस रात में अब वो शाम सो गयी है कब की अहसासों की परवाह कहाँ कीमत है हर काम की ..... होती हैं कुछ शाम अधजगी कुछ रात सुनीन्द सी सोती हैं लिखती हैं सन्देश कोई कोई चुपचाप मिटाती जाती हैं घर का कोई सूना कोना देख उदास समझाता है तेरा अपना द्वन्द खुद से  तेरी अपनी ही रुसवाई है

साथ

पैरों पर वो पैर रखकर चलता है दो कदम मेरे देकर सारे सपने मुझको जीता जीवन संग मेरे  मुझसे लाखों गुस्सा होकर हो जाता है प्राण मेरे  सांसों में वो सांस रखकर सांसे जीता संग मेरे  रातें जगता संग मेरे आँखें मूंदता पूछ मुझे देकर सारा समय वो अपना मुझमें जीता मेरे लिए कर देता हर काम समय से समय निकालता मेरे लिए मुझसे अक्सर गुस्सा होकर मुझे मनाता मेरे लिए मिलना मुश्किल राह बताकर राह बनाता मेरे लिए अपनों की सब सुनता जाता सहता रहता मेरे लिए मुझसे कुछ भी मांग न रखता देता सबकुछ सौंप मुझे मुझसे अक्सर दूर ही रहता रखता मन में पास मुझे पैरों पर वो पैर रखकर चलता है दो कदम मेरे मुझमे खोकर ढूंढा खुद को देता जीवन आस मुझे