Posts

Showing posts from August 27, 2023

गहराईयां नही

मैं इतना जरूरी कब था  कि तु मेरे लिए जगा रहे रात भर मेरी बातों में इतनी गहराई कहाँ  कि तु सुनता रहे दिनभर एक दिन यूही डूबना है मुझे  खुद के आकाश में  मैं जानता हूँ मेरा सफर  मेरे बस का नही है  वक्त भी तेरा है नजाकत भी तेरी  और ये निजाम भी तेरा मैं पहाडों से लुढका पत्थर हूँ बस ये रोकना मेरे बस का नही

तु ही है खामोश

मन जब आधा अधूरा हो, तो चुप रहना ही अच्छा बातों की मेरे नैपथ्य में एक चुलबुल चेहरा रहता है शब्द बनाने पडते हैं जब तु खामोश रहता है यही खामोशी एक दिन मुझको अकेला करके छोडेगी मेरे हर ध्यान में तु है  मेरे हर कर्म में तु है तु है सब सत्य बाबा सा तुही महादेव सा भी है तु ही मन की है जागृति ये खामोश सांसे तुझसे हैं