तु ही है खामोश

मन जब आधा अधूरा हो, तो चुप रहना ही अच्छा
बातों की मेरे नैपथ्य में एक चुलबुल चेहरा रहता है
शब्द बनाने पडते हैं जब तु खामोश रहता है
यही खामोशी एक दिन मुझको अकेला करके छोडेगी
मेरे हर ध्यान में तु है  मेरे हर कर्म में तु है
तु है सब सत्य बाबा सा तुही महादेव सा भी है
तु ही मन की है जागृति ये खामोश सांसे तुझसे हैं

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