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Showing posts from November 12, 2023

चेतन

जो जन्म नही पर साथ दे गया एक अपना अहसास दे गया रिश्तों का एक बन्धन बाधें  वो हमको तुमको एक कर गया दिन जो भूले  पहर रात के थे अपनी सुधबूध खो बैठें जाते अहसास किया आँखों ने दबा हुआ काजल बह बैठा माँ तेरे तुझमें रूप अनेकों  चेतन अचेतन अहसास हजारों जब वो सब मिलकर याद आता है तुझ पर भरोसा बढ जाता है