तेरी मेरी
कुछ तेरी होगी
कुछ मेरी होंगी।
कुछ फँसाने होगें
कुछ शिकायतें होगीं।
कही घुटन कही स्मृतियाँ
कुछ क़िस्से कहानियाँ होंगी।
छिपायेगा कब तक दोस्त!
रिश्ते कभी केवल
स्नेह और सम्मान के भी होते है.....
कुछ तेरी होगी
कुछ मेरी होंगी।
कुछ फँसाने होगें
कुछ शिकायतें होगीं।
कही घुटन कही स्मृतियाँ
कुछ क़िस्से कहानियाँ होंगी।
छिपायेगा कब तक दोस्त!
रिश्ते कभी केवल
स्नेह और सम्मान के भी होते है.....
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