हँसी

वो जो हँसी तु कभी 
क़भार रोक नहीं पाता
वो सूनापन जो 
छुपायी है एक राज।
मान ले मुस्कुराहट ही 
तेरी पहचान है
और तु खाम-ओ-खां 
परेशान सा है
यही तो अपना अपनापन है .....

Comments

Popular posts from this blog

दगडू नी रेन्दु सदानी

कहाँ अपना मेल प्रिये

प्राण