अकेले मै सोचा है



तू भी मेरे जैसा है, कहना चाहु तो कह नहीं पाता
हसता रहता हूँ , तो लोग सवाल करते हैं

में भी तेरे जैसे हूँ , दबाये मन की बातो को
सीमाएं कही टूट न जाय, ख़ामोशी कुछ पूँछ न ले

हम-तुम एक ही सोच रही हैं, शंकाओ ने घेरा हैं
अलग अलग जो दिखते हैं, अंतर्मन ने  जोड़ा  हैं

प्रश्न पूछने थे तो तुमसे खुद ही उत्तर दे डाला
दूर दूर ही रहे हमेशा पर मन को अक्सर पढ़ डाला

हर भीड़ मै ढूंढा हैं खोने से मन रोया है
हरपल 'मन के' पास रहे वो तुमको अकेले मै सोचा  है

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