वो जो हैं

जो मन मे हों 
उनकी तस्वीरों से कुछ नही होता 
मन जिसे हक़ीक़त मान बैठा हो
वो ताबिरों मे नही होता 

जिसको पाना लक्ष्य न हो
उनको जीतने का मन नही होता
मन जिसे अपनो सा मान बैठा हो 
वो खोना, हारना नही होता

जिसको खोने से मन डरता हो
उनको अपनाने की कोई कारण नही होता
वो जो मन के पास हो सबसे 
उन्हें याद करना का कोई बहाना नही होता 
 

 

Comments

Popular posts from this blog

दगडू नी रेन्दु सदानी

कहाँ अपना मेल प्रिये

प्राण