वो

वो जो इस कारवाँ मे 
शामिल ही नही था कभी 
सबसे दूर तक साथ चलता सा लगा 

वो जो महफ़िल मे चुप था
कभी कुछ बोला ही नही था 
बातों की उसका असर सबसे ज़्यादा हुआ

जिसने कभी कुछ लिखा नही 
लिखा तो चुपके से मिटा गया 
‘मन’ ने सबसे ज़्यादा उसे ही पढ़ा 

और जिसे कभी पूजा नही है
सीमित ही देखा है जिसको
मन से सम्मान सबसे ज़्यादा पा गया  




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