न जाने क्यों


भावनाओं का उबाल है
रिश्तो की ओढ़नी है
विश्वास की धमक है
कुछ खोया कुछ पाया है
'मन' न जाने क्यों खामोश है

आत्मविश्वास लबरेज़ है
मेहनत की जिंदगी है
लड़ने की कोशिशें जारी हैं
कुछ पास हैं कुछ दूर हैं
'मन' न जाने क्यों खामोश है

रिश्तो की परवाह हैं
जीने का सलीका हैं
"सच्चाई' की यादें हैं
छा जाने के अरमान हैं
'मन' न जाने क्यों खामोश है

यादों का झरोखा हैं
सम्मान की बुनियाद हैं
सत्य की समझ हैं
जिद-ओ-जहद जारी हैं
'मन' न जाने क्यों खामोश है 

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