ये दिन वो नहीं

झूठ ही सही
सजों के रखी हैं कुछ यादें
हर दिन वो खास नहीं होता
जिस दिन तेरा अहसास नहीं होता

आशंकाए ही सही
मन को हंसाती है कुछ यादें
हर दिन युहीं गुजर नहीं होता
जिस दिन तेरा जिक्र नहीं होता

दूरियां ही सही
नजदीक रखती है कुछ यादें
हर दिन 'मन' मुस्कुराता न होता
जिस दिन तेरे खोने का मलाल न होता

ये दिन वो नहीं सही
फिर भी याद आती है कुछ यादें
हर दिन जश्न यूँ मानता न होता
जिस दिन तेरे से यूँ अपनापन न होता 

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