रहे न रहे

कसौटी पर खरा उतरूं न उतरूं
कोशिशों का दौर जारी है
मन होता नहीं की थक जाऊँ
उम्मीद इसकी भी है उसकी भी

कहीं पहुँच सकूँ या न सकूँ
कदमों का चलना जारी है
मन होता नहीं कि रुक जाऊँ
मंजिल इसकी भी है उसकी भी

मनाना रूठना रहे न रहे
किसी कोने में कुछ तो है
मन होता नहीं कि भूल जाऊँ
आस मेरी भी है उसकी भी

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