अनायास

जो लब बिखर जाते हैं अकेले में 
वही सौग़ात मेरी तु मन में दबाये है
दूरियों मे रहना एक अलग बात है
मन के पास तुझे पाना यूँ अनायास नही है

उन फूलों मे कहीं मेरा ज़िक्र आया होगा
उस डूबती नाँव ये मेरा ख़्याल आया होगा
नाराज़ मुझसे रहना ये अलग बात है
चलते हुए कदम ठिठकना यूँ अनायास नही है 

हर खुशी में उदास दिखाया वो चेहरा
उस नाराज़गी में भी डबडबाया होगा 
हरपल मुँह फेर लेना ये अलग बात है 
तेरे अपनो मे मेरा ज़िक्र आना यूँ अनायास नही है 

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