तेरी तरह

तेरी तरह मन की बातों को 
मन में रखना नही आता 
तेरी तरह आहत मन को
आँसुओं में बहाना नही आता
तेरी तरह सपनों को सजाते हुए 
डरना भी नही आता 
तभी तो कहता हूँ 
हाँ मुझे स्नेह है ....

तेरी तरह तोल मोल कर
कहना नही आता 
तेरी तरह रास्तों से
अचानक पलटना नही आता
तेरा तरह नज़रें झुकाकर 
उठाना नही आता 
यूँही बेबाक़ हूँ कि
हाँ मुझे स्नेह है 

तेरी तरह उसूलों मे 
बँधना नही आता 
तेरी तरह प्रश्नों  पर
चुप रहना नही आता 
तेरी तरह जज़्बातों को
छुपाना  नही आता 
यही स्वीकारोक्ति है
हाँ मुझे स्नेह हैं ..... 

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