एक दिन

 

तेरे चुप रहने का और मेरी बकवासों का 

होगा जरूर होगा एक दिन हिसाब होगा 


लिख न सका जो कुछ भी तू 

कहना तुझसे दूभर था 

मुड़ ही गया था तु तो 

फिर कदम बढ़ाना मुश्किल था 


तेरे चुप रहने का और मेरी बकवासों का 

होगा जरूर होगा एक दिन हिसाब होगा 


मान गया था जो तु 

सच बतलाना मुश्किल था 

तृष्कार किया था तुमने 

नज़र मिलाना मुश्किल था 


तेरे चुप रहने का और मेरी बकवासों का 

होगा जरूर होगा एक दिन हिसाब होगा 


निष्कर्ष था तेरा अपना 

समझाना तब मुश्किल था 

चला  ही गया था तु तो

वापस बुलाना मुश्किल था 


तेरे चुप रहने का और मेरी बकवासों का 

होगा जरूर होगा एक दिन हिसाब होगा 

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