भावों का सफर

 बह गया जो दूर तक एक झौंका याद का 

साथ है उन्माद मन का एक भावों का सफर 

मील के पत्थर मिले जो टोकते रहते सदा 

एक दिन सब ख़त्म होगा मेरे भावों का सफर 


थाम ले जो मन जरा एक गुच्छा प्रीत का 

साथ हैं चिंतन ये मन का और लम्बा सा सफर 

घास के दयार मिले जो वो बुलाते रहे सदा 

एक दिन सब सुखना है मेरे भावों का सफर 


बाँध ले जो मन जरा एक गट्ठा विश्वाश  का 

साथ है यादें हज़ारों एक भावों का सफर 

मन के जो मीत है वो याद दिलाते हैं सदा 

एक दिन थामना है सब मेरे भावों का सफर


ये सफर जब थम गया था साथ चलता तू रहा 

ये सफर जब रुक भी देगा तु रहेगा मन सदा 

मन के जो हमगीत है गुनगुनाये जायेंगे सदा 

एक दिन थामना है सब मेरे सांसो का सफर




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