साँस

 ये रातें होती हैं तुमसे 

दिन चढ़ता है तुमसे 

सुबह की अगड़ाई 

शाम-ऐ- तन्हाई तुमसे 


हर बात विचार हैं तुमसे 

हर कहना सुनना तुमसे 

दिन भर की जो कहानी 

बात-ऐ-तन्हाई तुमसे 


हर पाना खोना तुमसे 

हर जीत हार है तुमसे 

रिश्तो की ये कहानी 

दर-ऐ-तन्हाई तुमसे 


हर साँस बाँस है तुमसे 

हर गद्य पद्य हैं  तुमसे 

जीवन की ये कहानी 

साँस-ऐ-तन्हाई तुमसे 


मन पूरा भी है तुमसे 

मन अधूरा भी है तुमसे 

इन सांसो की साँस बाँट ले 

आस-ऐ-तन्हाई तुमसे

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