चिड़िया

 रात के इस सन्नाटे में 

चिड़िया आयी है घर मेरे अभी 

जाने क्या कहती है 

कहीं कोई देव दूत तो नहीं !!

याकि मिल आयी होगी तुझसे

बताना होगा मुझे कुछ 

तू कभी कहेगा नहीं 

पर ये समझ गयी होगी  

इसकी ची-ची समझ नहीं आयी 

तुमने कोई बात कही तो नहीं 

बहम है शायद 

पर ये चिड़िया, सन्नाटा और काली रात 

यथार्थ है 

आस का बीज है 

रिश्तों की सोच है 

कल्पना की सच्चाई है 

मनों के तार हैं 

और जीवन का विस्तार है 

तू ही बता चिड़िया 

की सच क्या है ?


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