कभी तुझे भी

 कभी तुझे भी दर्द कोई  

टीस देता है भला !

मन अचानक रो ही देता 

आँख बंजर वन वही 


कभी तुझे भी याद कोई 

चुभ भी  जाती है भला !

मन अचानक खो ही जाता 

शून्य होता मस्तिक सदा 


कभी तुझे भी बात कोई 

याद आती है भला !

मन अचानक कह भी जाता 

आवाज़ गम जाती सदा 


कभी तुझे भी स्पर्श कोई 

यूँ जगा जाता भला !

मन अचानक थाम लेता 

हाथ अंगुली वो सदा 


कभी तुझे भी याद कोई 

यूँ हंसा जाती भला !

मन अचानक खुश लगे 

और नैन झर जाएँ सदा 



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