ऐ मालिक

बेचैनियां परेशानियां सब 
मेरी हों ऐ मालिक
मन के द्वंद न हों उसके 
जो मेरा है ऐ मालिक

रूसबाईयां खामोशियां सब 
मेरी हों ऐ मालिक
अपनों से न दूर रहे वो 
जो मेरा है ऐ मालिक

बदहवाशियां बदनामियां सब 
मेरी हों ऐ मालिक
कोई उससे ना रूठे 
जो मेरा है ऐ मालिक

लिखना है तो फिर लिख लेना 
मेरी जुदाई ऐ मालिक
अपनो से वो घिरा रहे 
जो मेरा है ऐ मालिक

उसके दुख हों सब मेरे
सुख मेरे उसको ऐ मालिक
सासें मेरी उसको जायें
जो मेरा है ऐ मालिक


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