रच बस जायें

 समय बिताना साथ तेरे 
तेरी बातों में खो जाना 
बदमाशियां हम बाटें
आ एक हो जायें साथी 

एक सरिता मिले समुन्दर 
परछाई सी  साथ हमेशा 
ये बेल बढ़ें तरुवर पर
आ साथ बढ़ें ओ साथी 

सन्नाटों में गहरी सांसें 
खुशबू तनमन रच जायें 
मन की आवाज़ सुने तू 
आ सर रख दे सीने साथी  

बरसों का कोई सपना 
रच बस जायें अपना 
लम्बी राहों को तकना
आ चल दूर चले ओ साथी 

उम्मीद लगा बैठे हैं 
नदिया तीरे साथी 
चल बांध ले सेतु मनों के 
एक दूजे मैं खो जाएँ 

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