हर घडी

 तु शाँति में तु शोर में 
तु मौन में अलाप में 
हर समय की सीख में 
तु हर घडी उम्मीद में 

ध्यान मन का तुझसे है 
सहजता तेरे नाम से 
हर समय की दौड़ में 
तु हर घडी संकल्प में 

तु भोर में तु रात में 
तु दिन चढ़ी सी धूप में 
हर समय की रेत में 
तु हर घडी है साँस में 

परिपक्वता तु काम की 
सम्पूर्णता तेरे जाप  से 
हर समय की ओट में 
तु हर घडी विश्वास में 

तु बोल में तु भाव में 
तु शब्द सागर नाम में 
हर समय की जोत तुझसे  
तु हर घडी अहसास में 

जो रही खाली हथेली 
रेखाएं तेरे नाम की 
हर समय का संग तुझसे 
तु हर घडी विश्राम में 

Comments

Popular posts from this blog

दगडू नी रेन्दु सदानी

कहाँ अपना मेल प्रिये

प्राण