मंजिल तुम तक

 सबका अपना एक ही निश्चय 
जीवन को खुशियों से भरना 
इन क़दमों की मंजिल तुम तक 
आहट सांसों बंधी है तेरी 
भेंट लगाना गले लगाकर 
इस तन की सब तपन है तेरी 

सबका अपना एक ही सपना 
मार्ग प्रशस्ति जीवन रखना 
इस जीवन की मंजिल तुम तक 
इंतजार मन मूरत तेरी 
बाहें भींच के जकड सा जाना 
ये मन अटका साख पे तेरी 

सबका अपना एक ही जपना 
हंसी ख़ुशी को साथ में रखना 
इन खुशियों की मंजिल तुम तक 
ठिठके कदम उस सूरत तेरी 
झलक देखकर जड़ सा जाना 
ये जग समता सीमा तेरी 

आँखे कहती इंतजार था 
बाहें गूढ़ता समां रही हैं 
सांसो का सरपट सा दौड़ना 
एकटक एकपल थमता जीवन 
जानता है मन सब  बातें
ये जीवन पहचान तुम्हारी 

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