तीन तस्वीर
तस्वीरें जब बोलती हैं
मन पार समुन्दर कर देती हैं
गीतों छंदों की नदिया में
मन बरबस गोते खाता है
तस्वीरें जब बोलती हैं
मन पार समुन्दर कर देती हैं
गीतों छंदों की नदिया में
मन बरबस गोते खाता है
तस्वीरें जब बोलती हैं
कह देती हैं अभी नहायी
जगी हुई अगड़ाई है
खुले हुए बालों के बेलें
मन को यूँ उलझती हैं
तस्वीरें जब बोलती हैं
सूरज अपनी चमक फैलाये
चाँद वो रोशन लगती हैं
लाल रंगों से सजे पुष्पदल
चेहरा पास बुलाते हैं
तस्वीरें जब बोलती हैं
नजर बुलाती पास तुम्हारे
चेहरा लाख सवालों करता है
सबकुछ अपना मुझकर देकर
मुझमे ही बस जाती हैं
तस्वीरें जब बोलती हैं
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