जरूरी नही

तुझे भी उतना ही अपनापन हो जरूरी तो नहीं,
सम्मान ही सम्मान की क़ीमत हो जरूरी तो नहीं

जिस राह पर कदम अकेले चले थे कभी
हर उस सफर की कोई मंजिल हो जरूरी तो नही

छुऐ होंगे यथार्त के मानक कई तुमने
भावनात्मक मन की छुवन सबसे हो जरूरी तो नही

खेत खलिहानों के आगे भी एक जमीं है 
रेगिस्तान में बहार न हो ये जरूरी तो नही 

तेरा मिलना न मिलना छोडा है उस रब पर
मैं कोशिशों से हार जाऊँ ये जरूरी तो नही 

उतार चढाव तेरे मन के समझे हैं मैने 
तु मेरे जैसे हो जाय ये जरूरी तो नही 

तेरी सासों से लिपटी लाश है मेरी 
फिर भी जिन्दगी बहम हो ये जरूरी तो नही 

प्रयासों के पहाड न हों एक अदना सा विश्वास सही
बाकि तु मेरी तरह हो ये जरूरी तो नही 

समझी है अस्थिरता तेरे फर्जों की
मैं उसमें पूरा शामिल हूँ ये जरूरी तो नही

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