तेरी खुशबू

मेरी जिद में हारता नही है
वो समर्पण कर जाता है 
बाहों भर लेता है मुझे 
और मुझे जीता सा जाता है

चूम लेता है माथा मेरा
वो दिवाना कर जाता है
सांसे दे जाता है मुझे 
और मुझे मेरी दुनिया दे जाता है

छोटी सी दुनिया बसायी है हमने
वो स्नेह मजबूत कर जाता है
रखता है सबसे आगे मुझे
और मुझे सर्वस्व बना जाता है 

यूँ तो लघू होते हैं सांसो के उत्ताप 
वो समयों साथ दे जाता है
देकर अपना समय मुझे 
वो मुझपर लुट सा जाता है

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