निशान

वो निशान देता है तो गहरे देता है
मन बसा है कभी घाव नही देता है
एक ठूँठ था वो जीवन दे गया
साथ देता है कभी हाथ नही छोडता 

वो गुस्सा होता है कि सब बक देता है
स्नेह है कभी छोडने की धमकी नही देता
ठहराव था कहाँ वो गले लगा गया
चुप रहता है पर बात करना नही छोडता

वो मिलता है तो सब समर्पण करता है
लुटाता है सबकुछ कभी वापस माँगता नही है
अपना हो चुका इतना सब मान गया
विश्वास बहुत करता है पर शक करना नही छोडता ।।

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