जलन

बस कुछ गुमान अपने तक रखता हूँ
साथ जरा लगे कोई एक जलन रखता हूँ
ये स्वीकारोक्ति है कि तु हमसाया है मेरा
मन छोटा सा है पर तु अभिमान बडा है मेरा
अधूरा ही सही एक ख्वाब अपने तक रखता हूँ
पा न भी सकूँ तो एक कोशिश में रहता हूँ
ये माना है सदा कि तु हिमालय है मेरा
मन उथला सा है पर तु एहसास गहरा है मेरा

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